- गरीवी मे लोगो के पास कई तरह की दिक्कत होती है । तो वे आपने बच्चो को स्कूल से लेकर कॉलेज तक कैसे पढ़ासकते है । १२ साल बाद उन्हें खुद काम करना पड़ता है । कुछ एक को तो ६ साल से ही।
 - कुछ एक लोग देश के विषय मे सोचते है । बाकि के सिर तो घर की गुलामी मे झुके है। घर की इकोनोमी के बारे मे इतना ज्यादा सोचते है की दूसरो के घर, देश, बच्चो पर ध्यान ही नहीं जाता।
 - ८०% लोग गुलाम है। पहले अंग्रेज की गुलामी की अब खुद आपने देश के आमिर लोगो की गुलामी करो यही भारत की जानता के भाग्य मे लिखा है। भागवान ने राजाओ महाराजो की गुलामी से आजाद कराया। पर राजनीती के आकाओं ने जो अब तक काम किये है और करते जा रहे है। चाहे वे देश के गुलाम हो या विदेश के गुलाम हो।
 - यहाँ के कालेजो की कोई सूद नहीं लेता, कालेज मे केवल डिग्री दी जाती है। और गुलामी के लिए कुत्ते तैयार होते है।
 - विज्ञानं को लेकर कोई नहीं सोचता है की क्या हम सही राह पर है।
 - नया फ़ॉर्मूला है।  जो यूज हो रहा है। " गरीबो को मिटा धीरेधीरे करके, देश आमिर हो जायेगा"।   
 
शनिवार, 16 जनवरी 2010
गरीब, जनता, आमिर, नेता,आभिनेता,उद्योगपति,
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