बुधवार, 28 दिसंबर 2011

Make the jan-locpal

जिस बिल पर चर्चा हो रही है उसे एक दिन पहले न्यूज पेपर पर छापना चाहिए जनता को पता ही नहीं चलता की किसपर आप संसोधन ला रहे है . किसी भी साईट पर आप का बिल मोजूद नहीं है या है तो उसकी सत्यता नहीं है स्टेम्प नहीं है उसपर , किस तरह का लोकतंत्र है
१२२ करोड़ के लिए जो नियम ला रहे हो या संबिधान संसोधन कर रहे हो, केवल ४००-५०० लोग ही संसद में मंजूर है या नहीं कह रहे है,
संवैधानिक दर्जा दो तिहाई वोट पर मिलता है किसी भी बिल को जो नहीं मिला,
  • सूचना का अधिकार जब तक की पता चलेगा तब तक संसोधन हो चुका रहता है
  • अनपढ़ जनता को सोने दो कानून पर कानून लाते जाओ, जिसमे जनता खुद
  • जब संबिधान में हर भाषा को जगह मिली है तो उस भाषा में सुचना जनता को क्यों नहीं दी जाती,

शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

stephen hawking in discovery channel and my view

हम विकास क्रम से लगातार चल रहे है तो टाइम मशीन से हम फिरसे कई अरबो खरबों गुना आगे और पीछे जा सकते है टाइम बिग बैंक के समय नहीं था हमे यह मन्ना ही पड़ा स्टेफेन हव्किंग को भी मन्ना पड़ा क्यों की कुछ नहीं था बिग बैंक की घटना के पहले तो कैसे होसकता है ? प्रश्न है की यदि कोई हलचल किसी भी में है तो बो किस उर्जा से है आज भी बिग बैंक की ही ना तो ! हमे मन्ना होगा की न्यूटन गलत हुआ प्रतेक क्रिया की बिपरीत क्रिया होती है मतलब बिग बैंक की घटना में टाइम नहीं था हम ने वही से टाइम को टाइम कहा ठीक है ! तो बिग बैंक हुआ ही नहीं यदि मान भी ले की हुआ है तो हम गलत है अबतक तो हमारे पास टाइम मशीन हो जाती ! हम कही भी आ जा सकते थे येदुनिया भी फिर गलत है हम भूतो से भी मिल सकते है जोकि किसी आयाम में है ! बो टाइम ट्रेवल कररहे है! हा हा हाहा.....
सच है की फिजिक्स मै कुछ भी संभव है !
 बिग बैंक के बाद ही हम टाइम की कल्पना करे तो टाइम लगातार अनंत तक फ़ैलता रहा है  और रहेगा अंत तब होगा जब एक खली जगह जहा कुछ नहीं होता है कुछ नहीं होगा तो फिर से बिग बैंक हो जाएगा ! हम एक सेकंड जिए है या अंत पर है हम नहीं जानते पर सही घडी तो तभी बनेगी जब एक गोल चक्र लगा लेंगे !
तब तक .......
सब का मालिक एक है, हर जीव की मौत निश्चित है, कोशिश है की हम एक आजाद देश में आजादी से रह कर अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताये. अपने समाज की कुरीतियों को दूर करे, इंसानियत समझे.

गुरुवार, 9 जून 2011

हम गुलाम है

हम गुलाम है क्या?
हम आजाद है क्या?
कोई भी राजनीतिक पार्टी हो संसद में बहस के समय आपना आपा खो देती है वो इस भ्रस्टाचार को पूरीतरह ख़त्म कर सकते है? उनके अंदर भी जो लोग है बो भी तो भ्रष्ट है? तो right to rejection बहिष्कार का अधिकार आना जरुरी है.? हम जिसदिन वोट डालने जाएँगे उस दिन पार्टी व् उसका उमीदवार दोनों या दोनों का बहिष्कार का चुनाव होना चाहिए मतलब -
  • एक्स पार्टी + एक्स उमीदवार
  • एक्स पार्टी केवल
  • एक्स उमीदवार केवल 
  • बहिष्कार

सब का मालिक एक है, हर जीव की मौत निश्चित है, कोशिश है की हम एक आजाद देश में आजादी से रह कर अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताये. अपने समाज की कुरीतियों को दूर करे, इंसानियत समझे.

सोमवार, 11 अप्रैल 2011

मीडिया व देश का लोकतंत्र

हमारे भारत के हर चुनाव चाहे वह लोकसभा का हो या विधान सभा का या नगरनिगम चुनाव हो कोई भी चुनाव हो, हमें लोग चुन्ने का आधिकार होना चाहिए जो मौजूदा चुनाव व्यवस्था में नहीं है जैसा की हमे दिखता है और हमे बार बार उन्ही चहरो को देखना पड़ता है जिन्हें हम पूर्व के चुनावो में वोट दे चुके थे पर उन्होंने वैसा काम नहीं किया जो हमारे देश में,राज्यों में,  होना चाहिए था,  हम उन्हें चुनना ही नहीं चाहते है पर हमे हर चुनाव पार्टी में वाही लोग दिखाई देते है क्या हम वोट डालने ही न जाये क्या यही एक और अंतिम फेसला ले इससे क्या होगा कोइतो जायेगा वोट देने और ये फिर से वाही चुने जाएँगे में आसहाय हू इस लोकतंत्र रुपी व्यवस्था से में क्या खुद संसद के लोग भी चाहे तो भी बिना जनता की मदद के बिना कुछ नहीं कर सकते उन्हें मालूम होते हुए गलत मंत्री चुना जा रहा है पर वो भी उसे ही वोट देने को मजबूर है 
तो क्यों न हमे आगे आकर इस भ्रष्ट व्यवस्था को तकनीक से उपाय ढूंड कर लाना चाहिए जिससे जाहिर हो की  हम किस ओर है, हां की ओर या ना की ओर.
अब तो मोबाइल का जमाना है १२१ करोड़ लोगो के पास है यदि हर दिन एक बात के लिए जनता से वोट कराये  जाये मोबाइल के माध्यम से की आप फलाने प्रश्न के उत्तर से सहमत है या नहीं और हा एक मोबाइल एक बार ही दिन में एक प्रश्न के लिए वोट कर सकता हो वो कईबार एक ही प्रसन का उत्तर ना दे सके दुसरे दिन पुनः वाही मोबाइल यूजर उस विशेष मशीन पर वोट कर सके आकडे सार्वजिनिक किये जा सकते है मशीन उन सच्चे व्यक्ति के पास रहेगी जो देश को आगे लेजाने की और देखाता हो. इससे समय बचेगा न्याय मिलने और होने में भी, इसी तरह की कई सोच लोगो के पास होगी पर यदि हम सभी से यदि १-Rs. भी आपने लिया तो १२१ करोड़ होजाता है तो क्या कोई मोबाइल कंपनी को फायदा नहीं होगा, होगा, बस बात ईमानदारी की है यही राजनीति है बिना किसी को पताचले कैसे किसी कंपनी का फायदा करना है यही मोजूदा व्यवस्था है पर यदि ईमानदारी से कोई इस काम को करता भी है तो यही प्रश्न उठाये जा सकते है. जो आज देश में हो रहा है.
मीडिया  भी कोई मौका चूकना नहीं चाहती आपनी टी आर पि के लिए या वह सच्ची है या उसके कर्मचारियों को उनके मालिको की बात समझ में ठीक से आ ही नहीं रही है यह भी ठीक ऐसा ही जैसा की ऊपर लिखी लाइनों में है आपसे पूछा गया प्रश्न है. जिसके दो उत्तर है.?




शनिवार, 9 अप्रैल 2011

जन नायक अन्ना हज्जारे,स्वामी अग्निवेश,बाबा रामदेव,अरविन्द केज्रिवाला

रोज जब आप खाना खाते है तो शायद आप यह सोचते होंगे की यह खाना मुझ तक इसी समाजिक 
एकता और इसी देश की धरती से पैदा हुआ आनाज मुझ तक आया है जो होसकता है कल किसी दूसरी धरती का हो जो मेरा की मेरे देश के या मेरे परिवार बालो के सामाजिक योगदान से आया है  तो आज जब आप की जरूरत देश को है किसी नेक कम को करने के लिए तो  आप अपना सम्पूर्ण 
योगदान दीजिये और जब तक न्याय ना मिले जन नायक की भूमिका निभाते रहिये हम आपके साथ है. जय हिंद  

ध्यान रखिये चुनाव की वजह से ही सरकार ने आदेश जारी करने को राजी हुई है और करेगी और जन लोकपाल कमेटी में ५०-५०%  जन-नायक भागीदारी तय करने को राजी हुई है चुनाव जीतने के बाद संसद इस बिल को पास करेगी या नहीं आभी तय नहीं है.

धयान दीजिये-
  • जो व्यक्ति जहा काम कर रहा है वही उस विभाग की गोपनीय बाते जनता है वह भ्रष्टाचार का भंडा फोड़ेगा. पर उसकी नौकरी और उसे होने वाली दिक्कतों  लिए कोन जिम्मेदार होगा. उसे दिक्कत न हो शिकायत करने में जन-लोकपाल कमेटी से इस के लिए इन्टरनेट के माध्यम से शिकायते भी ली जानी चाहिए. क्यों की ऑडियो वीडियो इन्टरनेट से जल्द आप तक पहुचेगा 
  •  इन्टरनेट पर एक वेब साईट हो जिस पर भ्रष्टाचार से सम्बंधित विभाग के उस व्यक्ति का नाम पद उजागार हो सके जो की लगातार हर दिन घूस लेता है
  • क्यों ना इलेक्ट्रोनिक तरीके से हमारे देश की मुद्रा को निष्क्रिय कर नै मुद्रा इलेक्ट्रोनिक तरीके से आस्तित्व में आये जिससे भ्रष्टाचार ७५% काम हो जाएगा और निगरानी भी आच्छी तरह हो सकेगी.
  • संविधान में और कानून को बदला जाये जो नेताओ और सरकारी व्यक्तियों को कानून से बचने के लिए मदद देता है
  • कभी यदि जन-लोकपाल कमेटी का कोई मेम्बर की मौत हो जाने पर कैसे दूसरा उसकी जगह लेगा इन्टरनेट पर उस वेब में होना चाहिए और न्यूज़ पेपर में छपना चाहिए.
  •  उद्योग पतियों, कम्पनीयो ने सबसे ज्यादा रुपया कमाने के लिए भ्रष्टाचार फैलाया पहले नेताओ को खरीदा फिर उनसे अपना काम करवाया फिर चुनाव के नाम पर उन्हें भरी चंदा दिया आज देश को वही कंट्रोल कर रहे है ना की नेता, नेता लोकतंत्र है इसका फायदा ले रहे है कानून का सहारा भी उन्हें हासिल है 
  • चुनाव में यदि दागी है और उसे किसी दुसरे राज्य से खड़ा किया तो कोन जाने गा उसे वोट देना है या नहीं क्यों की उसने तो दो साल में पानी, सड़क, बना कर जो सब काम चलाऊ था उस पार्टी केलिए वोते के लिए लोगो को आपनी तरफ कर लिया अब तो केबल चुनाव की देर है चुने जाने के बाद वह नेता और उसकी पार्टी खूब रुपया पार्टी के लिए जमा करती है जो उस छेत्र के विकास के लिए आता है अब चुनाब का समय है पर हमारे यहाँ की सड़के सड़के नहीं रही पानी आना बंद हो गया है लाइट आती ही नहीं है. 
  • विभागों में जहा पर एक विशिष्ट व्यक्ति से एक विशिष्ट व्यक्ति ही मिल सकता वही से उच्च निम्न का दर्जा पैदा होता है में उस विशिष्ट व्यक्ति से उसके विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार से उसे आगाह करने गया था तो सचिव ने ही कह दिया आरे वो किसी से नहीं मिलते वो खुद भारत सरकार है. सारे ठेके यही से होते है सारी योग्यता के बाद आपको एडवांस देना होगा तब आपका बिल पास होगा सारे ठेकेदार ऐसा ही करते है यही तो लम्बी गाडी है. 

sab ka malik ek hai, sabki mout nischit hai. kosis hai ki hum ek aajad desh me aajadi se rah kar apna jeevan sukhi poorvak bitaye. apne samaj ki kuritiyo ko door kare,insaniyat samjhe.

मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

क्रिकेट और चुनाव राजनीती

क्रिकेट और चुनाव राजनीती 

२०११ क्रिकेट वर्ल्ड कप में सुखी और संपन क्रिकेटरों को और दिया क्या जो भी धन, रुपया, रेलवे पास दिया उन मंत्रियो नेताओ का था?
 नहीं बिलकुल नहीं यह जनता का टेक्स रुपी धन या रुपया था जो की उस मंत्री ने अपनी देश की या राज्य की जनता को दिखने के लिए दिया है. ताकि उन्हे पता चले की हम भी आप की तरह देश से प्यार करते है और हमारे हाथ में इतनी शक्ति है. की हम आपको चाहे जहा की जमीन दे सकते है.
क्या उस पैसे से किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता था. हा वो कोन देखता है यह सब लोग देख रहे है मोका है लोगो का मन जीतलो.
पुरस्कार का कोई नियम है या नहीं है?

Jan-Lokpaal Bill-part1

  1. किसी बिल से कोई भ्रस्टाचार नहीं रुकेगा, क्यों की हर विभाग जिसे जो काम करने के लिए बनाया जाता रहा है वह खुद भ्रस्टाचार में डूब जाता है 
  2. सुको (सुप्रीम कोर्ट),हाइकोर्ट,सेशन कोर्ट, के जज भी बिक जाते है.खरीदने बाला उन्हे भी खरीद लेता है. 
  3. देश का सबसे बड़ा रोजगार,आय,साधन,और सबसे बड़ी सरकारी कंपनी संगठन रेलवे में भ्रस्टाचार गले से ऊपर है. 
  4. भ्रस्टाचार नियंत्रण विभाग के ही लोग, आधिकारी, खुद उच्च आधिकारियो को उनके खिलाप जिसने शिकायत की है उसका नाम बता देते है. तो कैसे सीबीआई या इस जैसे किसी भ्रस्टाचार नियंत्रण विभाग जो हर जगह होता है जिन्हे इसी उद्देश्य को लेकर बनाया गया था की, भ्रस्टाचार काम होगा तो नया लोकपाल बिल जिसमे सीबीआई व भ्रस्टाचार नियंत्रण विभाग के आधिकारी मिलकर शिकायतों को सुनेंगे .
  5. हां ये जरुर होगा की कोई शिकायत ही नहीं करेगा और भ्रस्टाचार का किसी को अंदाजा ही नहीं लग पायेगा की कब हमारे ही कानून बनाने बालो ने खुद ये दिन ला दिए की हम फिर से अपने ही देश में गुलाम है और भ्रस्टाचार तो दूर करना बहुत दूर की बात हो जायेगी.

बुधवार, 16 मार्च 2011

japan -bharat 11 march

फ़ैल रहा है रेडिएसन से हमें खतरा नहीं है. भरी कण हमारे पास में ना आने के लिए जरुरी है जापान का मोसम ठंडा हो यदि बारिश हुई तो और भी अच्छा होगा.
पर यदि जापान में बारिश न हो कर हमारे यहाँ बारिश होती है तो हम जो पानी पियेंगे उसमे रेडिएसन हो सकता है मोसम का गर्म होना व दूसरी तरफ ठंडा होना ही हवा का रुख तय करता है 
पर धयान दे जितनी उचाई पर जापान के रिएक्टर से कण जायेंगे उतने जल्दी ५००० किलो मीटर की दूरी तय हो जाएगी पर हमारे यहाँ बारिश दूर है तो चिंता मत करो . जापान जाने से भी कोई खतरा नहीं है.
यदि आप कुछ खाश बाते यद् रख ते है 
  1. जैसे की - आप के शारीर में कही भी कटा न हो.
  2. मुह नाक को गिले कपडे से बंद करके  रखे .
  3. पानी मिनरल वाटर का इस्तेमाल करे.
  4. जब भी सिटी में घूमे  किसी से न टकराए ताकि आपको कोई चोट न लगे. 
  5. घर आते ही उन कपड़ो को उतरदे जो की आपने सिटी जाते समय पहने थे और उन्हे जमीन में दफना कर.
  6. अपने आप को किसी इसी जगह पर सर से नंगे हो कर नहा ले जहा का पानी कोई इस्तेमाल न करने पाए पर नहाते समय अपने हाथ अपने सरीर से दूर रखे न तो सिरपर नहीं मुह को हाथो से कभी भी न माले.

बुधवार, 12 जनवरी 2011

भारत की न्यालय प्रक्रिया

  • Forensic Science Laboratory (FSL) report always delay and can be change through the our system how to take a decision in this case. maybe sample for FSL could be change.
  • Today every where in india, according to population of this country not suitable FSL.
  • How to take a decision in any case, only on lawyer argues and FSL which is buy by the party or opposition.
  • Thousands of innocent today to wait for court decision to start her new life.
  • That is the reason of nobody faith on our judicial process this is the London judicial process.
  • Thousands of innocent fight with government and want to new civilization.
  • Judicial process is very very late cause of our lawyer argues because and Date on date again date increasing by lawyer argues or extra-money on Clark hand or take over client money.
  • In mp high court, session court corridor every where without related to work every where many people (witness) walking something wrong for innocent people.....
.........continue