शुक्रवार, 30 मार्च 2012

हम सब जानते है रक्षा सर्विस(a),सिविल सर्विस(b),रक्षा व सिविल के सर्वोच्य पद (d)।

 सेना देश की सरहद पर देश के दुश्मनों से रक्षा करती है देश की सरहद पर, ना की देश के अन्दर, देश के अन्दर सेना की फेमली भी रहती है, और उनकी रक्षा देश की सिविल सर्विस  करती है, जब b अपना काम ठीक से नहीं करेगी तो a चाह कर भी उसका ध्यान सरहद पर नहीं रख सकती है। !

d को उनके सिर पर कफ़न बाँधना होगा और जो हालत आज सामने है भ्रस्ताचार की बजह से है। अन्ना और अरविन्द एक इंसान नहीं वो आज की  जनता की आवाज हैं । सच के साथ भारत जब तक रहेगा कोई इसका दुश्मन कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
दलाल का काम ही दलाली करना है पर गलत तो जब है की कोई a or b or d इसमें शामिल हो ?a,b,d, उनके परिवार के लिए वो इतना नहीं कमा पा रहे की उनके पेट भर सके ?

  
सब का मालिक एक है, हर जीव की मौत निश्चित है, कोशिश है की हम एक आजाद देश में आजादी से रह कर अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताये. अपने समाज की कुरीतियों को दूर करे, इंसानियत समझे.

बुधवार, 28 मार्च 2012

संसद को गुस्सा क्यों आया ? संसद क्या एक इन्सान है ?

संसद को गुस्सा क्यों आया ? संसद क्या एक इन्सान है ?
उसकी गरिमा ,शाख,पहचान है उसे किसी इंसान के कहने पर या व्यान पर ना जा कर उसका कम काज जो है वो करना चाहिए जो की देश व जनता के हित में हो। ना की उस इंसान को दोष देना चाहिए जिसे उसके विचारो को सुनाने व सुनने की आजादी एक लोकतंत्र में होती है ।