गोविन्दपुरा भोपाल झुग्गी बस्तियों को बहुत सेफ्टी की जरुरत है. लखनऊ मे भी जरुरत है गाव मे लोग घर से नहीं निकल रहे है,
रात मे लोग इक्कठा होते रहे है बहुत दिनों से आज रात मे भी एकसाथ बैठे थे.
राम रहीम दोनों को हटा कर इंसान को बिठा दो. राम भी नहीं चाहते न रहीम की कोई भी उनके नाम का गलत उपयोग करके हजारो लोगो की जान का जिम्मेदार बने या एक भले आदमी को जिम्मेदार ठहराए.
देश पहले है, बे लोग जो हमें आनाज उगा के देते है बे हमारे ही भाई है जिन हाथो से रोज सबेरे हम चाय पीते है. बो हमारे लिए क्या नहीं करते हम सब एक साथ सास लेते है इस धरती मे कोन राम या कोन रहीम आ कर हमारा काम करता है. हमे खुद करना पड़ता है खुद की रोटी के साथ दुसरो की भी बनाना पड़ता है.
गुरुवार, 30 सितंबर 2010
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