गुरुवार, 30 जनवरी 2014

स्कूली शिक्षा

स्कूल की शिक्षा में बच्चो को क्या सिखाना चाहिए?
1-भाषा -हिंदी व् अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषा (जापानी, चीनी, रूसी,जर्मनी, इटालियन, स्पेनिस)
*** भारत के बच्चे विदेशो में जायेंगे या घर बैठे रोजगार उन्हें मिलेगा। नोकरिया उनके पास होंगी उन्हें साइंस से हट कर भी नोकरिया है।
विदेशो की आउट सोर्स नोकरिया और दूतावास की नोकरिया। टेक्नोलोजी बढ़ेगी विदेशी मुद्रा भंडार बढेगा। दखियानूसी ख्याल ख़त्म होंगे।
विरोधियो के लिए- अंग्रेज राज करने यदि यूरोपीय एशिया अमेरिका में नहीं जाते तो आज अंग्रेजी पीछे होती पर यदि आगे है तो मत भूलो की यह सभी जगह फेलागाई जिससे रोजगार वही मिलता है जहाँ पर इस भाषा को जानने बाले कम है क्योकि आज हर कम्पनी इसी भाषा का उपयोग करती है। कम्पूटर भी एक भाषा बन रही है अभी वही क्षेत्र अछूता है जहाँ अंग्रेजी जानने बाले कम है। वही रोजगार है अमेरिका में भी भाषा की भिन्यता है हमारे देश में भी है। यह भिन्यता जरूरी है नहीतो रोजगार वाले क्षेत्र भर जाते है रहने की जगह भी नहीं होती उस राज्य में।
2- बेसिक साइंस 16साल के बाद सिखाना चाहिए। 11 साल के बाद थोड़ी थोड़ी साइंस और नागरिक शास्त्र इससे पहले बच्चो के मानशिक वीमार करना है उन्हें तनाव ग्रस्त करना होता है जिससे वे पढाई छोड़ने के लिए प्रेरित होते है।
3-इतिहास उतना जिससे उनमे नफरत का बीज न डाला जाये वरना उन्हें देश प्रेम शिखाया जाये न की लोगो से नफरत करना। इतिहास बहुत नाचुक विषय है इसकी उम्र सीमा क्या हो जब उनमे अच्छा बुरा समझने की शक्ति उनके दिमाक सोच सके।
4- कम्प्यूटर शिक्षा नही देना चाहिए 18-साल के बाद ही कंप्यूटर शिक्षा मिलनी चाहिए।
***बच्चे कुछ नहीं करेंगे सारा काम कम्पूटर से करने की आदत उनकी खुदकी बुध्धि का इस्तेमाल नहीं करने देगी। कॉपी पेस्ट करना सीखेंगे और अंत देश के लिए घातक होगा बीमार काम करने बाला मजदूर।
5- रिसर्च और डेवलोपमेंट के लिए बच्चो की उनके अन्दर से सोच जागती है हर बच्चे में उसे समय पर प्रोतसाहन मिलना चाहिए और मदद के साथ उसी प्रकार की शिक्षा के जानकरो का समर्थन हाथ।
6-टीचर्स कि निगाहो में हर बच्चा सामान रूप से देखना।