मंगलवार, 6 मई 2014

Partition of India many majority Hindu nationalist politicians and social groups

पेड़ नही देखता उसका फल कोन खायेगा उसे हासिल करने के नियम लोगो ने बनाए नियमो को बनाने बाले या उन नियमो को न मानने बालो ने  निर्धरित कर रखा है की किसके मुहँ में जायेगा फल और किसके मुहँ में नही। (The cause of Partition of India many majority Hindu nationalist politicians and social groups.)
"भारत विभाजन एक हथियार" (बना दिया) का उपयोग कब होता है कोई देख नही सकता इसका उपयोग सफल रूप से आम जनता नही राष्ट्रिय व् आंतर्राष्ट्रीय राजनीती करती है यह आजादी सबने मिलकर हांसिल की फिर पेट के लिए भूख के लिए कहना भारत विभाजन हुआ तो आज भी दोनों मुल्क में गरीबी क्यों?

अमरीकी सेव आने पर भी महँगा ? अब कहना import ड्यूटी टेक्स ज्यादा है यही राजनीती है केंद्र और राज्य की गन्दी राजनीती अमेरिका का सेव ना आए भारत के लोगो को फायदा हो और किसान प्रेरित हो फसल लगाने को। तो कुछ राज्य बिक जाते है importduty माफ़ करके किये कराये पर पानी फेर देते है।

गरीबी दूर जब होगी जब हर भारतीय का विजनेस होगा नोकरी नही नोकरी देगा भारत तब होगा विकास

जो सक्षम है वो अमीर है वो ही विकास की आड़ में रोड़ा है, फायदा खुद्लेते है ये चंद भारतीय उधोगपति विजनेस मेन दलाल है ये जो बनाते है या विजनेस करते है एक उत्पाद तक एक सामान तक सीमित नही रहते है फैलते जाते है
यही कारण है असमानता का लोगो में सबका कारण स्वार्थ और भ्रष्टाचार।

सबकी जिम्मेदार संसद और वोटर है यदि लोकतंत्र है तब तक जब यह निष्पक्ष न हो तो आंतरिक युद्ध पैदा होता है और सामाजिक क्रांति।

आज अच्छी पत्रकारिता की - जय हिन्द यही हो तो ठीक है साल भर।

मिडिया सबाल ?:- सरकार जो योजना बताती है वो आप तक कैसे पहुचती है?
आदमी:- पढ़े लिखे नही टीवी मे देख लेते है कुछ कुछ समझ जाते है।

विकाऊ मिडिया क्यों दिखायेगा सरकारी योजनाओं को साबुन का विज्ञापन दिखायेगा कार का दिखायेगा !!

गुंडा और सत्ता और आम जनता के अधिकार

कांग्रेस की कुर्सी हिलती है आपातकाल लगाती है कांग्रेस सरकार यह इसकी पुरानी आदत है।
सत्ता के बिना इनकी हालत बिन पानी के मछली की तरह।
यही हाल बीजेपी का पर बो बम्ब तलवार डंडा गुंडा रुपया निकाल लाती है।

यदि यह हालत बने तो क्या उपाय सम्बिधान में यही रह गया था होना बाकी।सत्ता धारी पार्टी की आदत हो जाए तब ? फिर ! आज के माहोल में उधोगपतियो मिडिया किसका होगा?