मंगलवार, 28 अगस्त 2012

कोयला मंत्रालय ???

कोयला  मंत्रालय ???

प्रश्न -1 क्या कोयला भूमि आबंटन करते समय ऊर्जा मंत्रालय को पता था की कुछ राज्यों की दलगत राजनीती की  बजह से कोयला खोदा नहीं जा रहा  और जो निकल निकल कर आया पावर ग्रिड का फ़ैल होना ?

प्रश्न -2 ग्रीनपीस एक्टिविस्ट के मामले के पीछे पार्टिया और मंत्रालय खुद की जिम्मेदारी से बचना चाहती है ?

प्रश्न -3 क्या किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थान ने यह  जानने की कोशिश की है की कोयला भूमि आबंटन में जो कंपनिया सरकारी और गैरसरकारी किस प्रकार से बिना जंगल को नुकसान पहुचाए कोयला निकलेंगी ?



सब का मालिक एक है, हर जीव की मौत निश्चित है, कोशिश है की हम एक आजाद देश में आजादी से रह कर अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताये. अपने समाज की कुरीतियों को दूर करे, इंसानियत समझे.