बुधवार, 5 मई 2010

आइन्स्टीन ने कहा था की कुछ तेज नहीं है प्रकाश की गति से

मेरा विचार है। में बाद में समझाता हु पहले आप को मेरे दिमाग की गुत्थी सुनाता हु ताकि आपको यह समझने में कोई मुस्किल न हो। " किसी भी छोटे से छोटे पार्टिकल पर ग्रेवटी का असर होता होगा तो ग्रेविटी किस पार्टिकल से बनी है
लाइट ८मिनित में प्रथ्वी पर आती है लाइट के बानने के लिए एलेक्ट्रोन को हाई एनर्जी बैंड में जाकर बापिस ग्रेविटी के कारण परमाणु से जुड़ते है। फिरसे एनर्जी देतेही फिर एलेक्ट्रोन हाई एनर्जी बैंड में चले जाते है। तो मालूम हुआ की लाइट भी ग्रेविटी से खिचती है। ग्रेविटी से स्वतंत्र नहीं है प्रकाश की गति।
ग्रेविटी बनती कैसे है ।
उत्तर है। ग्रेविटी कुछ नहीं आइन्स्टीन ने कहा था दो पार्टिकल के बिच लगने बाला बल है। यह बल काम कैसे करता है। हमें बुक ने बता दिया है। अब चाहे वह गृह हो या आकाशगंगा।

वैज्ञानिक क्या है सरकार की मान्यता कुछ लालची लोगो का समूह जो आम आदमी की मेहनत का खा रहेहै। मुझ जैसे विचारको का विचार सुनकर लैब मे जाते है सभा संबोधित करते है।
हमारी लैब में सब था पर आज प्रोफेसर के घर में है या फिर कचरे घर में।
में ने सर से कहा सर आपने तो पि एच डी की है हम कुछ बना सकते है सर बोले घर के काम से फुरसत नहीं मिलती है।
मेने सोचा है अब की बार मंत्री जी से एक छोटी सी लैब के लिए ईमेल करता हु फिर कालेज के अंदर एक से एक उपयोगी वस्तु यन्त्र बना कर कालेज को फेक्ट्री में और लडको को उसी में नौकरी भी मिला करेगी जो की आगे जाकर देश की तकनीक में वास्तव में वैज्ञानिको का शहर व् देश होगा।