गुरुवार, 15 अगस्त 2013

स्वतंत्रता दिवस और हमारा देश


कोई  फ्री में टीचर बन सकता है ?
हां वो लड़के, बुजुर्ग जो चाहते है की हम सही मायने में आजाद हो और देश का घरेलु निर्यात बढे
वो खाली समय में उन्हे उनके स्कूल कॉलेज में पढ़ाने जा सकते है यदि राज्यों की सरकार और न्यायपालिका आदेश दे.
यहाँ की तकनीक को विश्वस्तर की बनाना होगा हम जिसे नहीं बना सकते उस उत्पाद को हमारे विश्वविध्यालयो में जोर शोर से पढाया जाना चाहिए उस के लिए चाहे हमे विदेशी टीचर ही क्यों
ना बुलाने पड़े फिर इन विश्वविध्यालयो से यहाँ के लघु उधोगों को जोड़ कर उन उद्योगों में काम
करने बाले कर्मचारियों को विश्वविध्यालयो में पढ़ने  और पढ़ाने के लिए सुनिश्चित कीजिये।

हर बो बालक जो कुछ करना चाहता है सोच कर ही रह जाता है अधूरे ज्ञान या बिना सपोर्ट के मन
मर कर कुछ और सोचने लगते है यदि इन्हे मोका मिले तो देश में है वो तकनीक जिससे हमारी
और हमारे निर्यात को भी बढाया जा सकताहै।

आजादी को तभी हम आर्थिक आजादी में बदल सकते है और हमारे देश की रक्षा कर सकते है..
जिसे भी नेता बनना हो उसकी योग्यता सामाजिक आर्थिक तकनिकी भूगोलिक रक्षा क्षेत्र में होनी चाहिए ताकि संसद में उन्हे पता हो की बो किश के लिए और क्या बता रहे है  पोइन्ट में बात हो समय बचे.