रविवार, 22 जून 2014

भारतीय रेल घाटे में इसके पीछे के भ्रष्टाचार 900करोड़ प्रति माह हानी का कारण

संविदा पर रेलवे में काम हो रहा है हर रेलवे जोन में गाडियों की सफाई से लेकर मेंटेनन्स किसी भी प्रकार का साथ ही साथ हजारो रेलवे कर्मचारी भी मौजूद जो बैठे रहते है उन्हें फ्री का वेतन जा रहा है आफिसर लेवल भी बैठा रहता है मोबाइल लिए मोबाईल पर काम हो रहा है।
1-जिन वेंडरो से रेलवे सामन ले रही वही पुख्ता नही है।
2-सामन लगता नही उतना लिया जाता है ताकि फिरसे आर्डर दिया जा सके इसके लिए उसकी क्वालिटी या उसे बर्बाद कर दिया जाता है चोरी हो गया या टूट गया बोल कर।
3-मेंटेनन्स के नाम पर रेल मुख्यालयो से ठेका प्रणाली जिसमे रेल मंत्रियों और आफिसर का कमिशन होता है अरबो रुपया AMC के नाम पर बेकार जाता है। फिर रेलवे में इंजीनियरों और तकनीकी भर्ती क्यों जब ठेकेदारों से ही काम करना है।
4-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से सामन खरीदा जाता है जिसे भारत खुद निर्मित कर सकता है यह कमजोरी है रेलवे की जो उसके मैनेजर फ़ैल है।

जर्मनी कंपनी

http://www.german-oilgas-expo.com/index-press-releases.htm