सोमवार, 2 जून 2014

FDI 100% IN defense sector

यदि विदेशी सीधे रुपया लगायेंगे तो वे चाहेंगे की लड़ाई होती रहे क्योकि हथियार बिकने चाहिए और मुनाफा होना चाहिए। बिजली पानी जैसी जरूरी वस्तुए कच्चा माल आदि के लिए भी निवेश होगा सोचो सोचो मोदी सरकार सोचो यदि हमारे कारखानों में उनकी पहुँच हुई जो निवेश के बहाने आयुद्ध कारखानों का जरूरी डाटा लेकर मात्र चले गए तब क्या करोगे? उन्हें देखने नही दोगे डाटा लेकर तो ईमेल करोगे?

PSU बैंक को अप्रत्यक्ष रूप से खरीदने बेचने की तैयारी।

पब्लिक इशू ला कर बैंको की दीवार नीव खड़ी की उद्योगों को रुपया देने के लिए उन्होंने पैसा लगाया जो आम जनता थी भारत की या विदेशो की या उधोग खुद इसी में कूंद गए। और उन्ही ने इतना कर्ज लिया उन सम्पतियो को रख कर या उधार न लोटाने देने की नियत से लिया कुछ निवेशक वे खुश थे जो इस खेल से वाकिफ नही थे और सोच रहे थे की की अच्छी कमाई होगी जब बैंक को ब्याज मिलेगा कर्ज सस्ती दरो पर दिया था फिर दरे बढाई तो कर्ज चुकाना असम्भव हो गया/जाए ?

PSU बैंक की समस्या  इन्होने कर्ज/पूँजी/उधार देने का वर्गीकरण नही किया था मतलब यह की कुछ खास व्यपारी वर्ग ने जो लोन लिया उन सम्पतियो को गिरवी रख कर जिनकी वैल्यू गिरती जा रही है या उनका मार्किट मुल्य अब जब बैंक के हिस्सेदार(equity share)उनका पैसा माँग रहे है तब मुश्किल इस बात की खड़ी हो गई की पैसा दे तो कहाँ से दे। बैको को जाम कर दिया गया।
अब तैयारी यह है की इन PSU बैंक ( equity share) को एक कम्पनी में रूपांतरण(बदल कर) बैच दिया जाए और पूँजी जुटाई जाए या सरकार 50% शेयर (equity share) खुद उसके पास रख ले तब सरकार ने उस वर्ग को लाभ पहुचाया जान बूझ कर।
अतः यह चाल उस वर्ग की हुई जिसने जान बूझ कर यह किया तो समानांतर सरकार व् नियंत्रण करने की कोशिस की और सफल भी रहा तब नितंत्रण उसी पूंजीवर्ग का होगा लोगो व् अर्थव्यवस्था पर या सरकार ने ऐसा किया तो जनता से पैसा माँग कर उसी पूंजी वर्ग दिया और सरकार ने लोन दिया कहलायेगा। जिससे अर्थव्यवस्था व् सरकार उनके इशारों पर चलेगी?

भारत में अल्पसंख्यक /बहुसंख्यक आरक्षण/संबिधान?

#Shams Tabrez , #Wasim Akram Tyagi
जब इसतरह की बात हो रही है तो मै भी कुछ कहना चाहूँगा।
1- एक क़ानून एक भारत हम सब एक है इस आधारपर हिन्दुओ को एक शादी करने का अधिकार है जबतक की पहले की गई शादी में तलाक ना हो जाए वही दुसरी और अल्पसंख्यको को अधिकार है की वे एक से अधिक शादी कर सकते है किस लिए अल्पसंख्यक बहुसंख्यक बनना चाहते है तो फिर देश के विकास में अल्पसंख्यक किस तरह योगदान कर रहे जबकि देश के सामने जनसंख्या समस्या बन रही है।

2-अल्पसंख्यको को बस इसलिए अधिकार दिये की वे अल्पसंख्यक ना रह कर समान आबादी के अधिकार व् नियम लेकर नही रह सकते और जबकि देश की जामीन का बटवारा या टुकड़े इसी लिए किया गया हो की वे विशेष अल्पसंख्यक उनका हिस्सा लेकर वहाँ बस रहे है।जहाँ की बे बहुसंख्यक रहेंगे और वहाँ भी कुछ अल्पसंख्यक होंगे फिर जब एक  बहुसंख्यक देश में वे सभी  अधिकार नियम सामान रूप से अल्पसंख्यको पर भी लागू है ? फिर भारत में क्यों हो? इसकी बजह राजनीती ही है वरना पॉइंट नंबर 1 को फिरसे पढ़े।