शनिवार, 23 जनवरी 2010

सरल भाषा मे महंगाई रोकने के उपाय

  1. जनता के साथ जुड़े
    :- वो ऐसे की जैसे विज्ञापन करता घर-घर जा कर जुड़ता है। उनके बिचार सुने और उनसे बोलिए की आपकी क्या समस्या है। आप के विचार महंगाई के बारे मे या किसी और के बारेमें क्या है आप मंच पर आकर बोल सकते है। यदि ह़ा तो नाम पता लिख लीजिये। साथ मे आप उन्हे एक संकेत आबंटित कर दो और कहो की जब आपका कोड (संकेत) न्यूज़ पेपर मे आएगा तो आप उसमे बताए स्थान पर अपने ही शहर मे आप को बोलने का मौका दिया जायेगा। उम्मीद है आप जरुर देश के लिए उस मंच का साथ देंगे। विचार जो की बाद मे काम में लिया जाएगा और न्यूज पेपर में सारे विचार छपे होंगे।
  • जमा खोरो को रोक कर। उदाहरण के तौर पर एक लोहेकी राड बेंचने बालो की एकता देखो। मॉल होते हुए भी बोलते है मॉल नहीं है। क्यों की उन्हें दाम बढना है। या कही से पता चला है की दाम लोहा बेचने बाली कंपनी बढ़ाने बाली है। पर दाम बढ़ते ही मांग कम हो जाती है। यानी लोग लोहा कम खरीद ते है। पर खरीद अन्य कारणों पर भी निर्भर करती है। जैसे - मौसम, शादी,त्यौहार,बैंको का ऋण, सीमेंट, स्थान की उपलब्धता उस शहर की, लोगो की आय, दाम (ईट,गिट्टी,रेत), न्याल्यो मे लंबित जमीनों का फेसला, आदि।
इस तरह मामूली नेता के बसमें ना तो कुछ बोलपाना होता है ना ही नियंत्रण उसके हाथ मे होता है।
जितना लोग खरीदेंगे उतनी आनियांत्रित महंगाई बढ़ेगी । कारण है की भरी मैनेजमेंट बाले व्यक्ति या कंपनियों का माल लाओगे तो आए दिन दाम बढ़ते मिलेंगे।

दूध दो गाय पलने बाले से लोगे तो सस्ता मिलेगा क्योकि उन गायो का मेनेजमेंट काम आता है।
दो गाय कही से भी धूम के पेट भर सकती है।