गुरुवार, 9 जून 2011

हम गुलाम है

हम गुलाम है क्या?
हम आजाद है क्या?
कोई भी राजनीतिक पार्टी हो संसद में बहस के समय आपना आपा खो देती है वो इस भ्रस्टाचार को पूरीतरह ख़त्म कर सकते है? उनके अंदर भी जो लोग है बो भी तो भ्रष्ट है? तो right to rejection बहिष्कार का अधिकार आना जरुरी है.? हम जिसदिन वोट डालने जाएँगे उस दिन पार्टी व् उसका उमीदवार दोनों या दोनों का बहिष्कार का चुनाव होना चाहिए मतलब -
  • एक्स पार्टी + एक्स उमीदवार
  • एक्स पार्टी केवल
  • एक्स उमीदवार केवल 
  • बहिष्कार

सब का मालिक एक है, हर जीव की मौत निश्चित है, कोशिश है की हम एक आजाद देश में आजादी से रह कर अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताये. अपने समाज की कुरीतियों को दूर करे, इंसानियत समझे.