रविवार, 16 सितंबर 2012

कास देश की सड़क ऐसी जिसके दोनों और नदी  नहीं तो नहर होती।
पर्यावरण के लिये नदी के दूसरी ओर वृक्ष होते जिस से शुद्ध हवा मिलती,
सड़क पर ना तो कोई जानवर मरता ना ही कोई गन्दगी होती,
क्योकि यहाँ  सड़क ऐसी जिसके दोनों ओर नदी होती।
हम भी यहाँ देशी फरारी कार चला पाते कास ऐसी कोई पार्टी होती।
फिर दिनों का सफर घंटो मे होता विकास के नाम पर नहीं बनती पार्टिया,
ना होती रोजगार की समस्या क्योकि हर खेती हर होता मालिक और उसका होता वाल-मार्ट,
फिर यहाँ भी होती सुन्दर स्वास्थ्य नर-नारी किसी एक की नाहोती ब्यूरो-क्रेसी।





सब का मालिक एक है, हर जीव की मौत निश्चित है, कोशिश है की हम एक आजाद देश में आजादी से रह कर अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताये. अपने समाज की कुरीतियों को दूर करे, इंसानियत समझे.