रविवार, 4 मई 2014

आजादी

लोगो का लोगो के दुवारा लोगो के लिए हम चाहे दुनिया का कितना भी अच्छा संबिधान बना ले यदि उसे अमल में लाने बाले लोग जबतक नही होंगे बेकार ही रहेगा।
एक वोट एक व्यक्ति की समस्या जबतक दूर नही होगी लोकतंत्र अधुरा रहेगा इसलिए आवाज उठती रहेगी आजादी की
क्योकि हो सकता कुछ लोगो का राजनीती में बने रहना पेशा बन जाए और लोकसभा विधानसभा राज्यसभा मंत्रीमण्डल के जीवन को वो अपना जीवन समझने लगे उसके बिना जीना उन्हें ठीक वैसा लगे जैसे की मछली को पानी के बिना इससे इससे सम्बिधान ओर लोकतंत्र को खतरा हो जाता है हर 60 बर्ष के बाद।