शनिवार, 12 जुलाई 2014

सत्ता धारी किस काम के? जब कर्ज से ही विकास दिखाना बीजेपी को?

9000000000000000÷1000000000
=90,00000 लाख ₹
यदि रेलवे को इतना पैसा एक अरब लोग भी देंगे तो भी नब्बे लाख ₹ देने होंगे प्रत्येक व्यक्ति को मतलब सब झूठ है। देश को बेचने व् गुलाम बनाने की तैयारी हो रही है।
दुनिया भर की आबादी को क्या पड़ी है की भारत में चलकर ₹ लगाए ??? भारत की आबादी 1अरब 20 करोड़ है जिसमे से एक अरब जो 90 लाख रुपया दे सकते है क्या वे यदि भारतीय है तो कहाँ है? जो की 1लाख 50हजार ₹ हर महीने 5साल तक दे तब रेल चलेगी जैसी मूड़ी सरकार बोलती है रेल बजट में।
इसमें यदि विदेशी है तो कोन?