गरीब किसान खेत की बिक्री और आनाज की मांग बढ़ते दाम और बढ़ती बेरोजगारी से ग्रह युद्ध के हालात
Poor peasant farm sales and demand for grains due to rising prices and rising unemployment
किसानों को औजार बीज खाद के अलावा लोगों की मजदूरी पानी व बिजली की कीमत और यातायात का खर्च जैसे की शहर आना जाना , ट्रेक्टर ,इत्यादि के खर्चो को निकाले तो यह साफ़ दिखता है खेती किसानी में कम खेती की भूमि होना घाटे का सौदा है और जिनकी कम खेती है वे इसे करने की बजह किराये से दे रहे है। इस बजह से खेती की गुणवत्ता भी खत्म हो हो रही है अधिक पैदावार के लिए अत्यधिक रासायनिक खाद का उपयोग हो रहा है जिससे कुछ दिनों के बाद पैदावार खत्म हो जाती है। और उस खेत की बिक्री करनी पढ़ती है और जिसके पास पहले से अधिक खेती होती है वह और भी अधिक खेती ले लेता है। अर्थात गरीब किसान और गरीब हो रहा है उत्पादन कम होगा या ज्यादा पर मांग बढ़ने पर दाम बढ़ने ही है। और बेरोजगारी की समस्या जैसी की तैसी दुगनी रफ्तार से बढ़ेगी। जिससे समाज देश में लोग दो समूहों में बंट जायेंगे और फिर लोकतंत्र ख़त्म हो जायेगा। ग्रह युद्ध की असीम संभावनाए होंगी।